PF के फाइनल सेटलमेंट क्लेम के रिजेक्ट होने की दर पिछले पांच साल में 13 फीसद से बढ़कर 34 फीसद पर पहुंच गई है
EPF के claim reject होने की दर में बीते 5 साल के दौरान जोरदार बढ़ोतरी हुई है… रिपोर्ट के मुताबिक औसतन हर तीसरे व्यक्ति का क्लेम रिजेक्ट हो रहा है। क्या है मामला? सुनिए 'सर जो तेरा चकराए'.
वित्त वर्ष 2017-18 में ईपीएफ फाइनल सेंटलमेंट के 13 फीसद दावे खारिज हुए थे. जो 2022-23 में बढ़कर लगभग 34 प्रतिशत हो गए है
काम का दबाव बढ़ने से क्लेम सेटलमेंट में देरी हो रही है
2020 के कोविड-19 वर्ष में यह संख्या बहुत अधिक हो सकती है. यदि प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो यह लाखों वर्कर्स के लिए एक बड़ी राहत हो सकती है.